Jeevan-Satya

Author:

Downloads: 828

Visits: 1

Pages: 48

Published: 12 years ago

Rating: Rated: 4 times

  • 1 star
  • 2 stars
  • 3 stars
  • 4 stars
  • 5 stars

Read One Book Free!

Become a member of Free-Ebooks.net and you can download one free book.

Already a member? Login here

Membership requires a valid email address. We DO NOT spam and do not allow others access to your private information.

Book Description

This book is haiku collection in hindi(poetry)language.

Reader Reviews
loading comments
Add a comment: (You need to login to post a comment)
Rate this title:
ABOUT THE AUTHOR

Dr. Umesh Puri

नाम-डॉ. उमेश पुरी 'ज्ञानेश्वर', जन्मतिथि-2 जुलाई 1957, शिक्षा-बी.-एस.सी.(बायो), एम.ए.(हिन्दी), पी.-एच.डी.(हिन्दी), सम्प्रति-ज्योतिष निकेतन सन्देश(गूढ़ विद्याओं का गूढ़ार्थ बताने वाला हिन्दी मासिक) पत्रिका का सम्पादन व लेखन। सन्‌ 1977 से ज्योतिष के कार्य में संलग्न, अन्य विवरण पुरस्कार आदि - विभिन्न विषयों पर 67 पुस्तकें प्रकाशित एवं अन्य पुस्तकें प्रकाशकाधीन। राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में अनेक लेख, कहानियां एवं कविताएं प्रकाशित। युववाणी दिल्ली से स्वरचित प्रथम कहानी 'चिता की राख' प्रसारित। युग की अंगड़ाई हिन्दी साप्ताहिक में उप-सम्पादक का कार्य किया। क्रान्तिमन्यु हिन्दी मासिक में सम्पादन सहयोग का कार्य किया। भारत के सन्त और भक्त पुस्तक पर उ.प्र.हिन्दी संस्थान द्वारा 8000/- रू. का वर्ष 1995 का अनुशंसा पुरस्कार प्राप्त। रम्भा-ज्योति(हिन्दी मासिक) द्वारा कविता पर 'रम्भा श्री' उपाधि से अलंकृत। चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन-1989 में ज्योतिष बृहस्पति उपाधि से अलंकृत। पंचम अन्तर्राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन-1991 में ज्योतिष भास्कर उपाधि से अलंकृत। फ्यूचर प्वाईन्ट द्वारा ज्योतिष मर्मज्ञ की उपाधि से अलंकृत। मेरा कथन-'मेरा मानना है कि जीवन का हर पल कुछ कहता है जिसने उस पल को पकड़ कर सार्थक बना लिया उसी ने उसे जी लिया। जीवन की सार्थकता उसे जी लेने में है।'

Author's Social Media:   Twitter Account |FB Profile