
मान लिलए और( (ो पैदाय+ी गल( ैपरं( ुक्या बाद+ा यानी की म ैंयानी की +ेर , यानी की बब्बर +ेर गल( ो
सक( ा ै?
न ींकभ ीन ीं।
अब सवाल पैदा ो(ा ै, अरे सवाल का क्या ैपैदा ो(ा ी र (ा ै, पैदा ोने वाले की चिचं(ा न ीं
करनी अपुन को
। ( ोसवाल क ोछोड़ ोऔ
र व ोसुनो
जो मैं क र ाथ ा।
(ो मैं क र ा था की हिकसी अपरिरमिच( न ेदुहिनया बनाई इस हि साब स ेकी जानवर आपस म ेंलड़( ेर े
और आखिखर में ॉप यानी की बाद+ा ( ालिसल कर े, जैसे की जंगल में +ेर न े ालिसल की, जैसे की अपुन ने ालिसल
की ।
और बनाने वाले को क्या मिमलेगा +ायद मनोरंजन या +ायद आቜኌत्मक सं(ुहिg या +ायद कुछ और जब
बनाने वाले से मिमलूंग ा(ब पूछूंग ा।
परं(ु सं( (ो क ( े ैकी दुहिनया ्ቚेम / मो ब( आटिद के लिलए बनी और अंहि(म मकसद ई्ቫर (क
पहुंचाना ैं।
क्या संभव ैकी य जो सं( ैवास्(व म ें+ै(ान के चेल े ो और म ें्ቝम म ें्ቑालन ेके लिलए यानी की
सृहिg बनाने वाले के खिखलाफ भड़कान ेऔर उसके काम में ांग अ कान ेके लिलए ቌኌभजवाए गए एजें मा्ቔ ो और
लगा(ार मारे टिदमाग में ्ቝम पैदा कर( ेर ( े ो (ाहिक आखिखर बनान ेवाल ेयानी की ई्ቫर को +ै(ान घोहिष
( क
र टिदया
जा
ए औ
र ांग अ क
ने वाले यानी की +ै(ा
न क ोई्ቫ
र घोहिष
( हिकय ा
जा स
के ।
आखिखर सारी ्ቚकृहि( ी बाहुबल के लिस्ቍां( पर कायर( ै। य ा ं(क की बड़ ेपेड़ (क अपन ेनीच ेछो े
पौLों को पनपने न ीं दे( े
।
जब सारी ्ቚकृहि( / सृहिg ी बाहुबल पर आLारिर( ै(ो म ेंकौ
न उल् ाचलन ेक ोबोल र ा
ै ।
कभी कभी मेरे टिदल
में य ख्या
ल आ(ा ैकी क ींई्ቫ
र क ो+ै(ा
न
के ना
म
से बदना
म ( ोन ींक
र टिदया
गया और +ै(ान ई्ቫ
र बन बैठ ा।
ई्ቫर = +ै(ा
न = ई्ቫर